जंगल से मिला सात महीने पहले लापता हुए फॉरेस्ट गार्ड का कंकाल
पुलिस के लिए यह पता लगाना काफी मुश्किल होगा कि मोहनलाल की हत्या हुई थी या मोहनलाल जंगल में खो जाने के कारण जंगली जानवरों का शिकार हुआ होगा?
सात महीने पहले लापता फॉरेस्ट गार्ड का शव जंगल से मिला है. फॉरेस्ट गार्ड देव कमरूनाग के दर्शन करने के लिए गया था, लेकिन घर नहीं लौटा. मामला मंडी के सुंदरनगर का है.
बल्ह घाटी के टावा गांव का व्यक्ति करीब पिछले 7 महीने से लापता था, जिसका कंकाल वीरवार को रोहांडा में वन विभाग के हट के समीप बरामद हुआ है. जानकारी के अनुसार, तोताराम उर्फ मोहनलाल करीब 7 महीने पहले दोस्तों के साथ कमरूनाग मंदिर में गया था.
दर्शन के बाद वह घर आते समय लापता हो गया था. उसके साथ गए सभी दोस्त तो घर लौट आए थे, लेकिन मोहन लाल लापता हो गया था. बीते 7 महीने से परिवार के लोगों और पुलिस ने लापता मोहनलाल की हर जगह तलाश की, लेकिन उसका कोई भी सुराग नहीं लगा.
वीरवार को स्थानीय लोगो ने रोहांडा में वन विभाग के हट समीप नर कंकाल पड़ा देखा और पुलिस को सूचना दी. डीएसपी सुंदरनगर तरणजीत सिंह ने बीएसएल थाना पुलिस के साथ घटना स्थल का जायजा लिया और शव को अपने कब्जे में लिया.
वीरवार को स्थानीय लोगो ने रोहांडा में वन विभाग के हट समीप नर कंकाल पड़ा देखा और पुलिस को सूचना दी. डीएसपी सुंदरनगर तरणजीत सिंह ने बीएसएल थाना पुलिस के साथ घटना स्थल का जायजा लिया और शव को अपने कब्जे में लिया.
कंकाल को पूरी तरह से जंगली जानवरों ने नोच खाया है. डीएसपी तरणजीत सिंह ने बताया कि यह शव लापता मोहनलाल का है. जो बल्ह घाटी के टावां का रहने वाला था.
शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों के हवाले किया जाएगा और आगे की छानबीन जारी है. अब पुलिस के लिए यह पता लगाना काफी मुश्किल होगा कि मोहनलाल की हत्या हुई थी या मोहनलाल जंगल में खो जाने के कारण जंगली जानवरों का शिकार हुआ होगा?
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