हिमाचल में पंजाब के CM का नकली एडवाइजर गिरफ्तार, आरोपी के हावभाव से पकड़ा गया झूठ
ऊना: खुद को पंजाब के मुख्यमंत्री का एडवाइजर और एक आई.पी.एस. अधिकारी का भाई के रूप में परिचय करवाना महंगा साबित पड़ा। शानो शोकत के साथ एस.पी. के पास पहुंचे इस व्यक्ति को शायद अंदाजा भी नहीं था कि उसका यह कृत्य उस पर भारी पड़ेगा। दोपहर बाद जब पंजाब से आया व्यक्ति एस.पी. ऑफिस में दाखिल हुआ तो पूरे रौब के साथ उसने एस.पी. से मिलने की बात कही। उसके हाव भाव देखकर एस.पी. ऑफिस के स्टाफ ने उसे साहिब से मिलने भेज दिया। एस.पी. दिवाकर शर्मा को इस व्यक्ति ने अपने 2 आई कार्डस दिए। एक पर नाम के साथ एडवाइजर टू सी.एम. लिखा था और उस पर अंडर सैक्रेटरी जरनल सी.एम. ऑफिस पंजाब की स्टैम्प लगी हुई थीफोटो के साथ उसका पदनाम एडवाइजर टू सी.एम. दर्ज था। दूसरा कार्ड मध्य प्रदेश के भोपाल में ए.डी.जी.पी. पुलिस का दिया गया और एस.पी. को बताया गया कि वह उसके भाई हैं। एस.पी. दिवाकर शर्मा को इस पर कुछ संदेह हुआ तो उन्होंने तत्काल चीफ मिनिस्टर ऑफिस पंजाब से संपर्क किया। सी.एम. ऑफिस में अधिकृत अधिकारी ने इस प्रकार के किसी भी व्यक्ति के मुख्यमंत्री के सलाहकार होने से इंकार किया। इस पर एस.पी. दिवाकर शर्मा ने डी.एस.पी. हैडक्वार्टर अशोक शर्मा को बुलाया और अपना गलत परिचय करवाने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करने उससे कड़ी पूछताछ करने की हिदायत दी।
गलत जानकारी देने पर मामला दर्ज
डी.एस.पी. अशोक शर्मा ने बताया कि इस मामले में व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है और उस पर गलत जानकारी देने के मामले में केस दर्ज किया गया है। डी.एस.पी. के मुताबिक प्रारंभिक पूछताछ में इस संदिग्ध ने बताया कि वह किसी घरेलू मामले को लेकर एस.पी. से मिलने आया था।
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